भोजन का उद्देश्य
भोजन के लिए अधिक ज्ञान प्राप्त कर लेना अत्यंत आवश्यक है। हम कब, क्या, क्यों और किस प्रकार खाएँ, न खाएँ; यह जानकारी ही भोजन संबंधी ज्ञान माना गया है। भोजन का मुख्य उद्देश्य शरीर तथा आत्मा को कल्याण की दिशा में अग्रसर करना है, न कि जिव्हा की स्वाद-लिप्सा को तृत्प करना। खेद है कि हम सब आज इसी विपरीत दिशा में चल पड़े हैं। प्रकृति ने मानव शरीर को ऐसे अद्भुत अंग-प्रत्यंगों द्वारा वैज्ञानिक ढंग से बनाया है कि यदि उसका सुचारु एवं समुचित रूप से उपयोग किया जाए, तो वह जीवन स्वस्थ तथा सतेज बना रह सकता है।
It is very important to get more knowledge about food. When, what, why and how we eat, don't eat; This information is considered to be food related knowledge. The main purpose of food is to advance the body and soul in the direction of well-being, not to satisfy the taste buds of the tongue. Sorry that we are all walking in the opposite direction today. Nature has created the human body in such a scientific manner by such wonderful organs that if it is used properly and properly, then that life can remain healthy and lively.
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यजुर्वेद के बाइसवें अध्याय के बाइसवें मन्त्र का भाष्य करते हुए महर्षि ने लिखा है कि विद्वानों को ईश्वर की प्रार्थना सहित ऐसा अनुष्ठान करना चाहिए कि जिससे पूर्णविद्या वाले शूरवीर मनुष्य तथा वैसे ही गुणवाली स्त्री, सुख देनेहारे पशु, सभ्य मनुष्य, चाही हुई वर्षा, मीठे फलों से युक्त अन्न और औषधि हों तथा कामना पूर्ण...