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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज विवाह सेवा जयपुर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित जयपुर में एकमात्र Marriage Helpline है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। जयपुर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Marriage Helpline Jaipur is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Marriage Helpline Jaipur is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Jaipur. We do not have any other branch or Centre in Jaipur. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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Arya Samaj Wedding

  • Arya Samaj Jaipur Universal Block

    आर्यसमाज विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी

    आर्य समाज विवाह करने हेतु समस्त जानकारियां फोन द्वारा प्राप्त की जा सकती है। विवाह सम्बन्धी किसी भी प्रकार की जानकारी या पूछताछ‌ के लिए आप मोबाइल- 08120018052 पर (समय - प्रातः 10 बजे से सायं 8 बजे तक) श्री देव शास्त्री से बेहिचक बात कर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा आपको जिस दिन विवाह करना हो उस मनचाहे दिन की बुकिंग आप फोन पर करा सकते हैं। फोन द्वारा बुकिंग करने के लिए वर-वधू का नाम पता और विवाह की निर्धारित तिथि बताना आवश्यक होगा अथवा आप ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं।

    सामान्य रूप से विवाह संस्कार जयपुर स्थित आर्य समाज विवाह सहायता द्वारा संचालित आर्यसमाज मन्दिर में सादगीपूर्ण एवं आडम्बर रहित तरीके से वैदिक विधि पूर्वक सम्पन्न किया जाता है।परन्तु वर-वधु या परिवारजनों की इच्छानुसार घर अथवा होटल या धर्मशाला में भी आपके निर्धारित स्थान पर हमारे विद्वान पण्डित द्वारा पहुँचकर वैदिक विधि विधान से विवाह संस्कार सम्पन्न किया जा सकता है। जयपुर सहित पूरे भारत में आपकी इच्छानुसार हमारे पण्डित कहीं भी पहुँचकर वैदिक विवाह संस्कार सम्पन्न करवा सकते है। क्योंकि अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट कार्यक्षेत्र समस्त भारत है, जो शासन द्वारा सत्यापित है। 

    आर्यसमाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम-1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं।अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा वैवाहिक जोड़ों की कानूनी सुरक्षा (Legal Sefety) एवं पुलिस संरक्षण (Police Protection) हेतु नियमित मार्गदर्शन (Legal Advice) दिया जाता है।

    "आर्य समाज विवाह सहायताजयपुर" और Arya Samaj Marriage Helpline अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा संचालित हैं। पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। "आर्य समाज विवाह सहायता" जयपुर में ट्रस्ट द्वारा संचालित एकमात्र अधिकृत (authorized & Legal) आर्यसमाज मन्दिर है। जयपुर में इसके अतिरिक्त ट्रस्ट का अन्य कोई मन्दिर या शाखा अथवा केन्द्र नहीं है। विवाह कराने से पूर्व आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित आर्यसमाज केन्द्र से ही सम्पर्क कर रहे हैं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बड़े हॉल या भवन अथवा मन्दिर या चमकदार ऑफिस को देखकर भ्रमित और गुमराह ना हों।

    विशेष सूचना- Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्र्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह शासन द्वारा मान्य एवं लिखित अनुमति प्राप्त वैधानिक है अथवा नहीं। इसके लिए सम्बन्धित संस्था को शासन द्वारा प्रदत्त आर्य समाज विधि से अन्तरजातीय आदर्श विवाह करा सकने हेतु लिखित अनुमति अवश्य देख लें, ताकि आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो।

    युगलों की सुरक्षा-प्रेमी युगलों की सुरक्षा एवं गोपनीयता की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रेमी युगलों की सुरक्षा सम्बन्धी दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अनुक्रम में हमारे आर्य समाज द्वारा विवाह के पूर्व या पश्चात वर एवं वधू की गोपनीयता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विवाह से सम्बन्धित कोई भी काग़जात, सूचना या जानकारी वर अथवा वधू के घर या उनके माता-पिता को नहीं भेजी जाती है, जिससे हमारे मन्दिर में विवाह करने वाले युगलों की पहचान को गोपनीय बनाये रखा जा सके, ताकि उनके जीवन की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न न हो सके।

    1. वर-वधु दोनों हिन्दू-जैन-बौद्ध या सिक्ख होने चाहिएं।

    2. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

    3. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।

    4. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।

    5. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो तथा वे हिन्दू-जैन-बौद्ध या सिक्ख होने चाहिएं।

    6. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।

    7. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए।

    अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें -
    (समय - प्रातः 10 बजे से सायं 8 बजे तक)

    क्षेत्रीय सहायता जयपुर राजस्थान
    सम्पर्क : 8120018052
    www.jaipuraryasamaj.com

    क्षेत्रीय सहायता जोधपुर राजस्थान
    आर्य समाज संस्कार केन्द्र
    हेल्पलाइन : 8120018052, 8989738486
    www.aryasamajrajasthan.com

    राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
    अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट
    आर्य समाज मन्दिर, दिव्ययुग परिसर
    बैंक कॉलोनी, अन्नपूर्णा रोड
    इन्दौर (मध्य प्रदेश) 452009
    फोन : 0731-2489383, 8989738486
    www.allindiaaryasamaj.com 

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    Regional Helpline Jaipur Rajasthan
    Mob.: 08120018052
    www.jaipuraryasamaj.com

    Regional Helpline Jodhpur Rajasthan
    Arya Samaj Sanskar Kendra
    Helpline No.: 8120018052, 8989738486
    www.aryasamajrajasthan.com

    National Administrative Office
    Akhil Bharat Arya Samaj Trust
    Arya Samaj Mandir
    Divyayug Campus, 90 Bank Colony
    Annapurna Road, Indore (M.P.) 452009
    Tel. : 0731-2489383, 8989738486
    www.akhilbharataryasamaj.org 

  • पहचानो वर्ग संघर्ष करवाने वालों को

    भारत में बहुत व्यापक स्तर तक नीचे से नीचे तक भ्रष्टाचार है। विदेशियों ने भारत की कुछ संस्थाओं को आर्थिक सहायता देकर कुछ अच्छे काम करवाये। इन संस्थाओं को ही एनजीओ कहा गया। भारत के आम लोगों को महसूस हुआ कि ये एनजीओ सेवा भावी संस्थाएं हैं, कोई संगठन नहीं। पश्‍चिम समर्थक नेताओं ने भी सरकारों को संदेश दिया कि सरकारी मशीनरी की अपेक्षा गैर सरकारी संस्थाएं या तो पूरी तरह ईमानदार हैं या कम भ्रष्ट तो हैं ही। इस तरह भारत की सरकारों को अपने भ्रष्टाचार को दूर करने की अपेक्षा एनजीओ को प्रोत्साहित करना ज्यादा अच्छा लगा।

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  • यज्ञ से पदार्थों की शुद्धि

     

    यजुर्वेद के बाइसवें अध्याय के बाइसवें मन्त्र का भाष्य करते हुए महर्षि ने लिखा है कि विद्वानों को ईश्‍वर की प्रार्थना सहित ऐसा अनुष्ठान करना चाहिए कि जिससे पूर्णविद्या वाले शूरवीर मनुष्य तथा वैसे ही गुणवाली स्त्री, सुख देनेहारे पशु, सभ्य मनुष्य, चाही हुई वर्षा, मीठे फलों से युक्त अन्न और औषधि हों तथा कामना पूर्ण हो।

    इसी प्रकार यजुर्वेद के बाइसवें अध्याय के ही पच्चीसवें मन्त्र के भाष्य में लिखा कि जो मनुष्य आग में सुगन्धि आदि पदार्थों को होमें व जल आदि पदार्थों की शुद्धि करने हारे हो, वे पुण्यात्मा होते हैं और जल की शुद्धि से ही सब पदार्थों की शुद्धि होती है, यह जानना चाहिए।

    While commenting on the twenty-second mantra of the twenty-second chapter of Yajurveda, Maharishi has written that the scholars should perform such rituals along with the prayers to God, which will ensure that a brave man with complete knowledge and a woman of similar qualities, animals giving pleasure, civilized human beings, desired rain, sweets etc. There should be food and medicines with fruits and the wishes should be fulfilled. 

     

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  • यज्ञ से पदार्थों की शुद्धि

      यजुर्वेद के बाइसवें अध्याय के बाइसवें मन्त्र का भाष्य करते हुए महर्षि ने लिखा है कि विद्वानों को ईश्‍वर की प्रार्थना सहित ऐसा अनुष्ठान करना चाहिए कि जिससे पूर्णविद्या वाले शूरवीर मनुष्य तथा वैसे ही गुणवाली स्त्री, सुख देनेहारे पशु, सभ्य मनुष्य, चाही हुई वर्षा, मीठे फलों से युक्त अन्न और औषधि हों तथा कामना पूर्ण...

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