किशोरावस्था में मित्रता
दूध में जब उफान आता है, तब उस समय उसकी पूरी देख-भाल करने की आवश्यकता होती है; अन्यथा बरतन का दूध चूल्हें में गिरकर आग बुझा सकता है, स्वयं बरबाद हो सकता है। चासनी बनने के समय भी ऐसी ही सतर्कता अपेक्षित है; अन्यथा वह कच्ची रहने या जल जाने पर उस पकवान का मजा ही बिगाड़ देती है, जिसके लिए पकाया गया है। खेत की बुवाई-अवधि निकल जाए तो मौसम बदल जाता है और आगे-पीछे बोने पर पैदावार कम होती है। बगीचे में फल जिन दिनों पकते हैं, उन दिनों उनकी पक्षियों से रखवाली पूरी सावधानी के साथ अपेक्षित होती है; अन्यथा एक भी फल साबुत नहीं बच सकता। ठीक यही उक्ति किशोरावस्था के संबंध में कही जा सकती है।
When there is a boom in milk, at that time there is a need to take full care of it; Otherwise, the milk of the vessel may fall into the stove and extinguish the fire, itself may be ruined. Similar caution is required at the time of making syrup; Otherwise, if it remains raw or gets burnt, it spoils the taste of the dish for which it is cooked. When the sowing period of the field is over, the season changes and the yield is less when sown back and forth. The days when the fruits are ripe in the orchard, they are required to be carefully guarded from the birds; Otherwise not a single fruit can remain whole. Exactly the same can be said about adolescence.
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यजुर्वेद के बाइसवें अध्याय के बाइसवें मन्त्र का भाष्य करते हुए महर्षि ने लिखा है कि विद्वानों को ईश्वर की प्रार्थना सहित ऐसा अनुष्ठान करना चाहिए कि जिससे पूर्णविद्या वाले शूरवीर मनुष्य तथा वैसे ही गुणवाली स्त्री, सुख देनेहारे पशु, सभ्य मनुष्य, चाही हुई वर्षा, मीठे फलों से युक्त अन्न और औषधि हों तथा कामना पूर्ण...